वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२७ सितम्बर २०१५<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />ओशो ने प्रेम को अधूरा क्यों बताये है?<br />प्रेम में पूर्णता कैसे लाए?<br />हमारी प्रेम किस कोटि की हैं?<br />पूरा पूरा ही पूरा, अधूरा अधूरा और अधूरा